पहलगाम के बाद भारत का कड़ा प्रहार: पाकिस्तान पर चौतरफा दबाव!
पहलगाम में हुए बर्बर आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। इस कायराना हरकत के बाद भारत ने जिस तरह का कड़ा रुखकिया अख्तियार है, वह न केवल आतंकवादियों बल्कि उनके सरपरस्तों को भी एक स्पष्ट संदेश देता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ एक के बाद एक कई ऐसे कदम उठाए हैं, जिससे पड़ोसी मुल्क की अर्थव्यवस्था और कूटनीतिक साख पर गंभीर संकट मंडरा रहा है।
सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए पाकिस्तान के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्रवाई शुरू कर दी है। इसकी शुरुआत हुई ऐतिहासिक सिंधु जल संधि को निलंबित करने के साथ। यह कदम पाकिस्तान के लिए एक बड़ा झटका है, जो सिंचाई और बिजली उत्पादन के लिए इस संधि पर काफी हद तक निर्भर है।
इसके बाद भारत ने अटारी-वाघा सीमा को बंद करके व्यापारिक रिश्तों पर भी ताला लगा दिया। दोनों देशों के बीच होने वाली सीमित व्यापारिक गतिविधियाँ भी अब पूरी तरह से ठप हो गई हैं। इतना ही नहीं, भारत ने देश में मौजूद पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा भी रद्द कर दिए हैं, जिससे दोनों देशों के बीच लोगों की आवाजाही भी थम गई है।
कूटनीतिक स्तर पर भी भारत ने कड़ा रुख दिखाया है। दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग में कर्मचारियों की संख्या को सीमित कर दिया गया है और उन्हें जल्द ही भारत छोड़ने का आदेश दे दिया गया है। यह कदम पाकिस्तान के साथ राजनयिक संबंधों को निचले स्तर पर ले जाता है।
लेकिन भारत की कार्रवाई यहीं तक सीमित नहीं रही। उसने अपने हवाई क्षेत्र को पाकिस्तानी विमानों के लिए पूरी तरह से बंद कर दिया है। इस फैसले से पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए लंबा और महंगा मार्ग अपनाना पड़ रहा है, जिससे उसकी पहले से ही खस्ताहाल अर्थव्यवस्था पर और बोझ बढ़ गया है।
आदर्थिक और कूटनीतिक बाव के साथ-साथ भारत ने पाकिस्तान के समुद्री रास्तों को भी बंद कर दिया है। अब पाकिस्तानी जहाजों के लिए भारतीय बंदरगाहों के दरवाजे भी बंद कर दिए गए हैं। इसके अलावा, भारत और पाकिस्तान के बीच सभी तरह की व्यापारिक गतिविधियों और पार्सल सेवाओं पर भी रोक लगा दी गई है। सुरक्षा को और चाक-चौबंद करते हुए जम्मू-कश्मीर के डोडा में प्रशासन ने वीपीएन सेवाओं तक को प्रतिबंधित कर दिया है।
इन सख्त कदमों ने पाकिस्तान पर चौतरफा दबाव बना दिया है। रिपोर्ट्स की मानें तो पाकिस्तानी सेना और सरकार इस अप्रत्याशित कार्रवाई से सकते में हैं। हमलों के डर से उनकी नींद उड़ गई है और जिन देशों से वे मदद की उम्मीद कर रहे थे, वहां से भी उन्हें निराशा ही हाथ लग रही है।
सरकारी सूत्रों का स्पष्ट कहना है कि पहलगाम हमले के साजिशकर्ताओं और आतंकवाद को समर्थन देने वालों के खिलाफ यह कार्रवाई जारी रहेगी। भारत ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह अपनी सुरक्षा और संप्रभुता के साथ किसी भी तरह का समझौता नहीं करेगा।
यह गौरतलब है कि पिछले सिर्फ 11 दिनों में भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ 16 अलग-अलग तरह की कार्रवाइयां की हैं, जिससे पाकिस्तान में खलबली मची हुई है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस बढ़ते दबाव के आगे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और सेना प्रमुख मुनीर को झुकना पड़ सकता है और उन्हें पहलगाम हमले में अपनी गलती स्वीकार करनी पड़ सकती है।
बहरहाल, यह देखना होगा कि पाकिस्तान इस अभूतपूर्व दबाव का किस तरह से सामना करता है और भारत की इस कड़ी कार्रवाई का आगे क्या परिणाम होता है। एक बात तो तय है, पहलगाम हमले के बाद भारत ने आतंकवाद के खिलाफ अपनी जीरो टॉलरेंस की नीति को और भी मजबूती से प्रदर्शित किया है।#PahalgamAttack #IndiasStrongResponse #PressureOnPakistan#Terrorism#CrossBorderTerrorism #IndiaSpeaks#IndusWaterTreaty#IndiaPakistan#StrongAction