भारत की युद्ध तैयारी : Mock Drill

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भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच 7 मई को 244 जिलों में मॉक ड्रिल: क्यों है ज़रूरी?

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पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है, जिससे युद्ध की आशंकाएं तेज़ हो गई हैं। इस परिदृश्य में, भारत सरकार ने सैन्य स्तर पर तैयारियों के साथ-साथ अब नागरिक स्तर पर भी तैयारी शुरू कर दी है। इसी क्रम में, गृह मंत्रालय ने 7 मई, बुधवार को देशभर के 244 जिलों में मॉक ड्रिल कराने का ऐलान किया है।यह मॉक ड्रिल सिविल डिफेंस रूल्स 1968 के तहत जिला, शहर, कस्बा और गांव स्तर पर आयोजित की जाएगी। इसके आदेश 2 मई को ही जारी कर दिए गए थे, जिसकी जानकारी 5 मई को सार्वजनिक की गई।

मॉक ड्रिल का उद्देश्य:

इस मॉक ड्रिल, सिविल डिफेंस रिहर्सल और प्रैक्टिस का मुख्य उद्देश्य सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में सिविल डिफेंस सिस्टम की तैयारियों का आकलन करना और उसे और अधिक मजबूत व प्रभावी बनाना है। इसका लक्ष्य नागरिकों को यह सिखाना है कि यदि पाकिस्तान के साथ युद्ध होता है, तो वे स्वयं को हमलों से कैसे सुरक्षित रख सकते हैं। यह अभ्यास युद्ध के दौरान लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने, अफरा-तफरी को रोकने, घबराहट को कम करने और एक-दूसरे की जान बचाने के कौशल विकसित करने के लिए किया जा रहा है। इसके माध्यम से नागरिकों में देशसेवा का भाव भी जगाना है।

मॉक ड्रिल में क्या होगा?

गृह मंत्रालय के अनुसार, मॉक ड्रिल यह समझने के लिए आयोजित की जा रही है कि पाकिस्तान के साथ युद्ध की स्थिति में, जैसे कि इमरजेंसी, हवाई हमले, या अन्य आक्रमण होने पर, आम नागरिक और प्रशासन किस प्रकार और कितनी तेज़ी से प्रतिक्रिया करेंगे। इस दौरान हवाई हमले के सायरन बजेंगे, और लोगों को बिना घबराए एक-दूसरे की सहायता करने और अपनी व दूसरों की सुरक्षा करने का अभ्यास कराया जाएगा।

इसके अतिरिक्त, बिजली बंद करके ब्लैकआउट की स्थिति का भी अभ्यास किया जाएगा, ताकि लोग यह जान सकें कि हमले की स्थिति में अंधेरे में खुद को कैसे सुरक्षित रखना है। इस मॉक ड्रिल में स्थानीय प्रशासन, सिविल डिफेंस वार्डन, होम गार्ड्स, नेशनल कैडेट कोर (NCC), नेशनल सर्विस स्कीम (NSS), नेहरू युवा केंद्र संगठन (NYKS), और स्कूल-कॉलेजों के छात्र भाग लेंगे।

मॉक ड्रिल में क्या सिखाया जाएगा?

मॉक ड्रिल के दौरान स्कूलों, ऑफिसों और सामुदायिक केंद्रों में वर्कशॉप्स आयोजित की जाएंगी। इसमें सायरन बजाया जाएगा, ब्लैकआउट किया जाएगा, और लोगों को फैक्ट्रियों, कारखानों, ऑफिसों, अस्पतालों और स्कूलों को छिपाना सिखाया जाएगा। भीड़भाड़ वाली जगहों को खाली कराने और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का अभ्यास कराया जाएगा। छिपने के सुरक्षित स्थानों के बारे में जानकारी दी जाएगी।

साथ ही, किसी के घायल होने पर प्राथमिक उपचार (फर्स्ट एड) देना और स्वयं को मानसिक रूप से मजबूत बनाए रखना भी सिखाया जाएगा। शहरों, स्कूलों, ऑफिसों, अस्पतालों, फैक्ट्रियों, कंपनियों, पावर प्लांट और बिजली घरों को बिजली बंद करके दुश्मन के हमलों से कैसे बचाया जाए, इसका अभ्यास किया जाएगा। छिपने और छिपाने के दौरान आने वाली चुनौतियों और उनसे निपटने के तरीकों पर भी जानकारी दी जाएगी।

संक्षेप में, यह मॉक ड्रिल भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के मद्देनजर नागरिक सुरक्षा की तैयारियों को सुनिश्चित करने और नागरिकों को संभावित युद्ध की स्थिति के लिए मानसिक और शारीरिक रूप से तैयार करने की एक महत्वपूर्ण पहल है।#IndiaPakistan #MockDrill #CivilDefense #WarPreparedness #NationalSecurity #EmergencyPreparedness #India #Pakistan #May7 #ConflictAlert #BorderTensions #SecurityDrill #CitizenSafety #PrepareForWar #PahalgamAttack #IncreasedTensions #SafetyFirst#CivilianPreparedness