जातिगत जनगणना को केंद्र की मंजूरी: विपक्ष की जीत या क्रेडिट वॉर?

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देश में पहली बार होगी जातिगत जनगणना, केंद्र सरकार ने दी मंजूरी — विपक्ष ने बताया अपनी जीत, शुरू हुई ‘क्रेडिट वॉर’

देशभर में जाति जनगणना कराने के फैसले का श्रेय किसको? बिहार के नेताओं में  ऐसे छिड़ा क्रेडिट वॉर… - GANDIV LIVE

देश में आजादी के बाद पहली बार केंद्र सरकार द्वारा जातिगत जनगणना कराने का निर्णय लिया गया है। इस ऐतिहासिक फैसले को केंद्रीय कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है। लंबे समय से कांग्रेस सहित विपक्षी दलों की ओर से इसकी मांग की जा रही थी। अब सरकार की घोषणा के बाद इसे लेकर विभिन्न राजनीतिक दलों के बीच श्रेय लेने की होड़ शुरू हो गई है।सूत्रों के मुताबिक, जातिगत जनगणना की प्रक्रिया सितंबर 2025 से शुरू की जा सकती है। हालांकि जनगणना की पूरी प्रक्रिया में एक वर्ष का समय लगेगा, और इसके अंतिम आंकड़े 2026 के अंत या 2027 की शुरुआत में आने की संभावना है। पिछली बार भारत में जनगणना 2011 में हुई थी। सामान्यतः यह प्रक्रिया हर दस वर्षों में होती है, लेकिन कोविड-19 के कारण 2021 की जनगणना स्थगित हो गई थी।सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में राजनीतिक मामलों की कैबिनेट समिति ने यह निर्णय देश के समावेशी विकास और सामाजिक न्याय को ध्यान में रखते हुए लिया है। बयान में यह भी कहा गया कि जैसे 10% आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) को आरक्षण देने के समय सामाजिक समरसता बनी रही थी, उसी प्रकार यह जनगणना भी सौहार्दपूर्ण तरीके से पूरी की जाएगी।

इस बीच कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों ने दावा किया है कि यह निर्णय उनके लंबे समय से चलाए जा रहे जन अभियान और राजनीतिक दबाव का परिणाम है। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि उन्होंने संगठित तरीके से महीनों तक जमीनी स्तर पर कैंपेन चलाया, जिसका असर सरकार पर पड़ा। विपक्ष अब सरकार से इस जनगणना की टाइमलाइन और पारदर्शिता की मांग कर रहा है।कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों ने देश भर में पोस्टर, बैनर और नोटिस लगाकर इस मुद्दे को अपनी सफलता के रूप में प्रचारित करना शुरू कर दिया है। वहीं सत्तारूढ़ दल का कहना है कि यह फैसला राजनीतिक नहीं, बल्कि सामाजिक और राष्ट्रीय हित में लिया गया है। जातिगत जनगणना पर यह निर्णय भारत की सामाजिक संरचना को समझने और नीति निर्माण को और अधिक प्रभावी बनाने की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है। हालांकि इसके सामाजिक और राजनीतिक प्रभावों पर आने वाले दिनों में गंभीर बहस होना तय है।#जातिगतजनगणन #CasteCensus #सामाजिकन्याय #SocialJustice #राजनीतिकरण #PoliticalWar #विपक्षकीजीत #OppositionVictory #क्रेडिटवॉर #CreditWar #भारतजनगणना #IndiaCensus #मोदीसरकार #ModiGovernment #कांग्रेस #Congress

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