ऑपरेशन सिंदूर में लश्कर-ए-तैयबा और जैश के अड्डों पर कहर, भारत की स्ट्राइक से दहल उठा पाकिस्तान
भारत द्वारा हाल ही में किए गए ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों के मुख्यालयों को निशाना बनाकर ध्वस्त कर दिया गया। इस कार्रवाई में एक बड़ा खुलासा यह हुआ कि मुरीदके में स्थित लश्कर के हेडक्वार्टर में पाकिस्तान सरकार का एक आधिकारिक दफ्तर भी संचालित हो रहा था। यह तथ्य भारत की कार्रवाई को और भी गंभीर बनाता है, क्योंकि यह दर्शाता है कि पाकिस्तान की शासन व्यवस्था खुद आतंकी संगठनों के साथ मिली हुई थी।
सेटेलाइट तस्वीरों से मिले प्रमाण बताते हैं कि भारतीय सेना की एयर स्ट्राइक के बाद जैश और लश्कर दोनों के अड्डे पूरी तरह तबाह हो चुके हैं। तस्वीरों में स्ट्राइक से पहले और बाद के दृश्य साफ दिखाते हैं कि किस तरह आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया। मसूद अजहर के बहावलपुर स्थित मदरसे और कमांड सेंटर को भी इस स्ट्राइक में तबाह कर दिया गया, जहां उसका परिवार रहता था। सूत्रों के मुताबिक, ऑपरेशन सिंदूर की योजना 3 मई को दिल्ली स्थित साउथ ब्लॉक में एक गोपनीय बैठक में बनी थी। इसमें तीनों सेनाओं के प्रमुख और एनएसए अजीत डोभाल शामिल थे। उसी दिन एक विशेष सैन्य टीम को क्वारंटाइन कर ऑपरेशन की तैयारी शुरू कर दी गई। 5 मई को एनएसए ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को यह योजना सौंपी और उन्हें इसका विस्तृत खाका बताया। पीएम मोदी ने तुरंत इसकी मंजूरी दी और 6-7 मई की रात इस ऑपरेशन को अंजाम दिया गया। रॉ (RAW) द्वारा उपलब्ध कराए गए 21 आतंकी कैंपों की सूची में से 9 प्रमुख ठिकानों को चिन्हित कर भारतीय वायुसेना ने टारगेट किया। हमले के दौरान पीएम मोदी खुद निगरानी कर रहे थे। भारतीय फाइटर जेट्स ने इन आतंकियों के अड्डों को निशाना बना कर उन्हें पूरी तरह तबाह कर दिया और सुरक्षित एयरबेस लौट आए।
ऑपरेशन में जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के लगभग 110 से अधिक आतंकियों के मारे जाने की खबर है। रिपोर्ट्स के अनुसार, इस स्ट्राइक में मसूद अजहर के परिवार के 14 सदस्य मारे गए हैं, जिनमें उसका भाई रऊफ अजगर गंभीर रूप से घायल है और उसका बेटा हुफैजा मारा जा चुका है।
भारत की यह कार्रवाई पूरी तरह आतंकियों पर केंद्रित थी। आम नागरिकों या सैन्य प्रतिष्ठानों को निशाना नहीं बनाया गया। यह स्ट्राइक पाकिस्तान को यह साफ संदेश देती है कि भारत अपनी सुरक्षा और नागरिकों के हितों से कोई समझौता नहीं करेगा।भारत ने न केवल पहलगाम आतंकी हमले का बदला लिया है, बल्कि एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि आतंक के खिलाफ उसकी नीति अब सिर्फ़ शब्दों की नहीं, बल्कि निर्णायक कार्रवाई की है।