महायुति और MVA.. महाराष्ट्र की इन तीन दर्जन सीटों पर दोनों गठबंधनों की रोचक जंग, पिछली बार 5000 से भी कम रहा था.

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महायुति और MVA.. महाराष्ट्र की इन तीन दर्जन सीटों पर दोनों गठबंधनों की रोचक जंग, पिछली बार 5000 से भी कम रहा था.

MVA mega rally tomorrow

महाराष्ट्र विधानसभा की 288 सीटों के लिए प्रचार जोरों पर है. सत्ताधारी महायुति और विपक्षी महाविकास अघाड़ी, दोनों ही गठबंधनों के लिए रियल टेस्ट उन तीन उन तीन दर्जन सीटों पर माना जा रहा है, जहां 2019 के चुनाव में जीत हार का फैसला 5000 वोट से भी कम के अंतर से हुआ था.

महाराष्ट्र के चुनाव में एक-एक सीट को लेकर दिलचस्प जंग देखने को मिल रही है. हर पैंतरा आजमाया जा रहा है. हर दांव चला जा रहा है. बंटेंगे तो कटेंगे जैसे जैसे नारों की गूंज है तो लुभावने वादों के जरिये सुनहरे कल की तस्वीर भी दिखाई जा रही है. वादों-दावों के इस चुनावी मौसम में बात उन सीटों को लेकर भी हो रही है जहां के नतीजों ने सत्ता का खाका खींचने में अहम भूमिका निभाई थी. महाराष्ट्र के पिछले चुनाव में 37 सीटें ऐसी थीं जहां हार-जीत का अंतर पांच हजार से भी कम वोट का रहा था.
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महाराष्ट्र विधानसभा की स्ट्रेंथ 288 सीटों की है. इनमें से पांच सीटें ऐसी थीं जहां जीत-हार का फैसला एक हजार वोट से कम के अंतर से हुआ था. एक सीट पर तो अंतर 500 वोट से भी कम का रहा था. सूबे की चांदीवली विधानसभा सीट से शिवसेना के भाऊसाहेब लांडे को करीबी मुकाबले में 409 वोट से जीत मिली थी.

गोंदिया जिले की अर्जुनी-मोरगां सीट पर एनसीपी उम्मीदवार चंद्रिकापुरे मनोहर गोवर्धन को 718 वोट के अंतर से जीत मिली थी. 

पुणे जिले की दौंड सीट से बीजेपी राहुल सुभाषराव कुल 746, सोलापुर की संगोला से शिवसेना के शाहजी बापू राजाराम पाटिल 768 और अहमदनगर जिले की कोपरगांव सीट से राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के आशुतोष अशोकराव काले 822 वोट से जीतकर विधानसभा पहुंचे थे. 
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एक हजार से कम अंतर वाली इन पांच सीटों के अलावा चार सीटों- भिवंडी ईस्ट, मूर्तिजापुर, मुक्ताईनगर और बीड में एक से दो हजार वोट के बीच का अंतर निर्णायक साबित हुआ था. इन चार में से एक-एक सीट पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) को जीत मिली थी. एक सीट से सपा उम्मीदवार जीता था जबकि एक सीट निर्दलीय के खाते में गई थी

महाराष्ट्र विधानसभा की 28 सीटों का नतीजा दो हजार से पांच हजार वोट के अंतर से निकला था. इन 28 सीटों में से 12 सीटों पर कमल खिला था. छह सीटों पर एनसीपी चार सीटों पर कांग्रेस और दो सीटों पर शिवसेना, एआईएमआईएम, बहुजन विकास अघाड़ी और भाकपा के उम्मीदवारों को एक-एक सीट पर जीत मिली थी. एक सीट निर्दलीय के में गई थी 

आम चुनाव नतीजों को विधानसभा के नजरिये से देखें तो 31 विधानसभा सीटें ऐसी थीं जहां दो प्रतिद्वंदियों के बीच वोटों का अंतर पांच हजार से कम रहा था. इन 31 में से 16 विधानसभा क्षेत्रों में विपक्षी महाविकास अघाड़ी के उम्मीदवारों ने लीड किया था जबकि 15 क्षेत्रों में सत्ताधारी महायुति के उम्मीदवारों को बढ़त मिली थी.