साकेत कोर्ट लॉकअप में कैदी की हत्या: सुरक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल
नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के साकेत कोर्ट परिसर में गुरुवार दोपहर एक चौंकाने वाली घटना सामने आई, जहां कोर्ट के लॉकअप में दो कैदियों ने एक अन्य कैदी की बेरहमी से हत्या कर दी। यह घटना कोर्ट परिसर की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर रही है।
जानकारी के अनुसार, हत्या उस समय हुई जब कैदियों को सुनवाई के लिए कोर्ट में पेश किया जा रहा था। कोर्ट की ग्राउंड फ्लोर पर स्थित लॉकअप में विचाराधीन कैदी अमन पर दो अन्य कैदियों – जितेंद्र और जयदेव – ने अचानक हमला कर दिया। यह हमला पुराने आपसी विवाद की वजह से हुआ बताया जा रहा है।
माना जा रहा है कि अमन और जितेंद्र के बीच 2024 में जेल के बाहर चाकूबाजी की एक घटना हुई थी, जिसकी रंजिश अब तक बनी हुई थी। मौका मिलते ही साकेत कोर्ट परिसर में दोनों आरोपियों ने अमन पर धारदार हथियार से हमला कर दिया। बताया जा रहा है कि यह घटना दोपहर करीब 12:30 से 1:00 बजे के बीच लंच के समय हुई।
हमले में अमन के सिर पर गंभीर चोटें आईं। उसे तत्काल कोर्ट की डिस्पेंसरी में ले जाया गया, जहां से हालत नाजुक देख उसे एम्स ट्रॉमा सेंटर रेफर किया गया। लेकिन वहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
यह घटना अदालत परिसर के उस हिस्से में हुई, जिसे सबसे सुरक्षित माना जाता है – जहां जज मौजूद होते हैं और रोजाना सैकड़ों मामलों की सुनवाई होती है। ठीक उसी परिसर में, सभी के सामने दिनदहाड़े हत्या होना सुरक्षा व्यवस्था की विफलता को उजागर करता है।
यह मामला राजधानी में जेल और कोर्ट की सुरक्षा व्यवस्था की बड़ी चूक की ओर इशारा करता है। इस घटना ने 2 मई 2023 को तिहाड़ जेल में हुई गैंगस्टर टिल्लू ताजपुरिया की हत्या की यादें ताजा कर दी हैं, जब सिपाहियों के सामने ही उसे धारदार हथियारों से मौत के घाट उतार दिया गया था।
फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है और दोनों आरोपियों से पूछताछ जारी है। सवाल यह उठ रहा है कि आखिर इतने सुरक्षित माने जाने वाले कोर्ट परिसर में कैदियों के पास हथियार कैसे पहुंचे? और क्या यह सुरक्षा चूक किसी बड़ी साजिश का हिस्सा है?
यह घटना एक बार फिर से अदालतों, जेलों और कोर्ट लॉकअप की सुरक्षा व्यवस्था पर पुनर्विचार की जरूरत को रेखांकित करती है।