1 अप्रैल 2025 से लागू होंगे महत्वपूर्ण वित्तीय बदलाव, आपकी जेब पर पड़ेगा सीधा असर
नई दिल्ली: मार्च का महीना समाप्त होने के साथ ही, नया वित्तीय वर्ष शुरू होने वाला है, और 1 अप्रैल, 2025 से कई महत्वपूर्ण बदलाव लागू होंगे, जिनका सीधा असर आम आदमी की जेब पर पड़ेगा। एलपीजी सिलेंडर की कीमतों से लेबैंक खातों और क्रेडिट कार्ड नियमों तक, कई क्षेत्रों में परिवर्तन देखने को मिलेंगे
एलपीजी, सीएनजी और एटीएफ की कीमतों में बदलाव:
हर महीने की पहली तारीख को ऑयल एंड गैस डिस्ट्रीब्यूशन कंपनियां एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में संशोधन करती हैं। 1 अप्रैल, 2025 को भी कीमतों में बदलाव की संभावना है। 19 किलो वाले एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में उतार-चढ़ाव देखा जा रहा है, जबकि 14 किलो वाले रसोई गैस सिलेंडर की कीमतें लंबे समय से स्थिर हैं। नए वित्तीय वर्ष की शुरुआत के साथ, उपभोक्ताओं को 14 किलो वाले सिलेंडर की कीमतों में राहत की उम्मीद है। इसके अतिरिक्त, सीएनजी और पीएनजी की कीमतों के साथ-साथ एयर टरबाइन फ्यूल (एटीएफ) की कीमतों में भी संशोधन किया जाएगा। सीएनजी की कीमतों में बदलाव वाहन खर्च को प्रभावित करेगा, जबकि एटीएफ की कीमतों में वृद्धि से हवाई यात्रा महंगी हो सकती है।
क्रेडिट कार्ड नियमों में बदलाव:
1 अप्रैल, 2025 से क्रेडिट कार्ड 1 अप्रैल 2025 से लागू होंगे महत्वपूर्ण वित्तीय बदलाव, आपकी जेब पर पड़ेगा सीधा असरनियमों में भी बदलाव होगा, जो रिवॉर्ड और अन्य सुविधाओं को प्रभावित करेंगे। sbi अपने सिंपल क्लिक क्रेडिट कार्ड पर स्विगी रिवॉर्ड को आधा कर देगा, जबकि एयर इंडिया सिग्नेचर पॉइंट्स 30 से घटकर 10 हो जाएंगे। hdfcफर्स्ट बैंक क्लब विस्तारा माइलस्टोन के लाभ भी बंद कर देगा।
बैंक खातों में न्यूनतम बैलेंस नियम:
भारतीय स्टेट बैंक, पंजाब नेशनल बैंक और अन्य बैंक अपने बचत खातों में न्यूनतम बैलेंस से जुड़े नियमों में संशोधन करने जा रहे हैं। बैंक खाताधारकों के लिए सेक्टर-वार नई सीमाएं निर्धारित करेंगे, और न्यूनतम बैलेंस न होने पर जुर्माना लगाया जा सकता है।
यूपीआई खातों में बदलाव:
जिन मोबाइल नंबरों से जुड़े यूपीआई खाते लंबे समय से निष्क्रिय हैं, उन्हें बैंक रिकॉर्ड से हटा दिया जाएगा। इसलिए, यदि आपका यूपीआई खाता लंबे समय से उपयोग नहीं किया गया है, तो सेवाएं बंद हो सकती हैं।
आयकर नियमों में बदलाव:
बजट 2025 में घोषित आयकर नियमों में बदलाव 1 अप्रैल, 2025 से लागू होंगे। नए टैक्स स्लैब के तहत, 7 लाख रुपये तक की वार्षिक आय वाले व्यक्तियों को टैक्स से छूट दी जाएगी। वेतनभोगी कर्मचारी 7.5 लाख रुपये तक की वेतन आय पर टैक्स से मुक्त हो सकते हैं, लेकिन यह छूट केवल नए टैक्स विकल्प चुनने वालों के लिए लागू होगी। टीडीएस नियमों में भी बदलाव किए गए हैं, जिसमें वरिष्ठ नागरिकों के लिए ब्याज आय पर टीडीएस सीमा को दोगुना करके 1 लाख रुपये कर दिया गया है, और किराए की आय पर छूट की सीमा को 2 लाख रुपये प्रति वर्ष कर दिया गया है।
इन बदलावों का उद्देश्य आम आदमी को राहत प्रदान करना और वित्तीय प्रणाली को सुव्यवस्थित करना है।