नाला के JMM युवा नेता शफीक अंसारी ने दिशोम गुरु शिबू सोरेन को दी भावभीनी श्रद्धांजलि

नाला : झारखंड मुक्ति मोर्चा के नाला विधानसभा क्षेत्र के युवा नेता शफीक अंसारी ने पूर्व मुख्यमंत्री एवं झामुमो के संस्थापक दिशोम गुरु शिबू सोरेन के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि गुरूजी केवल एक नेता नहीं थे, बल्कि जल-जंगल-जमीन के असली पहरेदार और झारखंड की अस्मिता के प्रतीक थे। शफीक अंसारी ने कहा दिशोम गुरु अब हमारे बीच भौतिक रूप से नहीं हैं, लेकिन जंगल की सभ्यता के भविष्य में जब तक कोई वनदेवी अपने बुतरु को पीठ पर टांगे, बांस की सूप लेकर महुआ का फल चुनने जाएगी, और थक कर मड़ुआ-साग खाकर पानी पीने के बाद उसी पेड़ की छांव में बैठेगी—हर आदिवासी मां अपने बच्चों को दिशोम गुरु की कहानियां सुनाएगी। उनका संघर्ष झारखंड के जंगलों में सदा लाल पलाश बनकर खिलेगा।”
उन्होंने आगे कहा कि गुरूजी के सपनों का झारखंड बनाना ही हमारी सच्ची श्रद्धांजलि होगी। जल-जंगल-जमीन की रक्षा के लिए हम संघर्षरत रहेंगे, झारखंड को बाहरी ताकतों के आगे झुकने नहीं देंगे और जरूरत पड़ी तो जान की कुर्बानी देकर भी अपने प्रदेश की अस्मिता की रक्षा करेंगे।
अंत में शफीक अंसारी ने भावुक शब्दों में कहा—
“गुरुजी, आपके चरणों में कोटि-कोटि प्रणाम। जय जय झारखंड, जय जय वीर शिबू, जय जय वीर सपूत।”
शफीक अंसारी ने शिबू सोरेन को श्रद्धांजलि दी
झामुमो नेता की श्रद्धांजलि बयान
दिशोम गुरु शिबू सोरेन का योगदान
झारखंड के जल जंगल जमीन की लड़ाई
झारखंड आंदोलन के प्रतीक शिबू सोरेन
झारखंड की अस्मिता और आदिवासी पहचान