Chandan Mishra: पटना के हॉस्पिटल में मर्डर से पहले तौसीफ ने क्यों नहीं छिपाया चेहरा?
सुबह के ठीक 7:14 एक शहर अपनी नींद से जाग रहा था।
हॉस्पिटल की दीवारों में अभी भी रात की खामोशी बाकी थी। लेकिन उसी खामोशी में कुछ ऐसा पक रहा था जिसकी भनक ना पुलिस को थी ना अस्पताल के गार्ड्स को। और फिर तकरीबन 1 मिनट के बाद ही 7:15 के आसपास वो पल आया जो पटना की कानून व्यवस्था के इतिहास में काला धब्बा साबित हुआ। कैमरे ने जो कैद किया वो डरावना था। पर उससे भी ज्यादा डरावनी थी वो बेफिक्री। पांच शूटर अस्पताल के बाहर गली में कत्ल से पहले आखिरी मीटिंग करते हैं। चेहरे खुले हैं। चाल में ना कोई हड़बड़ी ना कोई डर। तौसीफ बादशाह इस गैंग का मास्टरमाइंड सबसे आगे चल रहा था और बाकी सब जैसे स्क्रिप्ट के मुताबिक अपने रोल निभा रहे हो। कमरा नंबर 209 एक अस्पताल का आम कमरा जिसमें एक घायल आदमी जिसका नाम चंदन मिश्रा है वो जिंदगी की उम्मीद के साथ भर्ती था। लेकिन चंदन को नहीं पता था कि उसके दरवाजे पर जो आहट होगी जो दस्तक दी जाएगी वो डॉक्टर की नहीं बल्कि मौत देने वाले उन अपराधियों की होगी जो उसे जान से मारने आएंगे। सीसीटीवी फुटेज में सब कुछ रिकॉर्ड है। गैंग अस्पताल के गलियारों में दाखिल होता है। तौसीफ बादशाह सबसे आगे चल रहा था।

शूटर पोजीशन लेते हैं। हथियार निकालते हैं। कमरे का दरवाजा खुलता है और सेकंड में सब कुछ खत्म। यह तस्वीरें बिहार पुलिस को अपराधियों की एक खुली चुनौती है। यह तस्वीरें बिहार की कानून व्यवस्था पर सीधा सवाल कर रही हैं। अपराधियों का गैंग अस्पताल के अंदर दाखिल होता है। ना कोई रोकता है उन्हें ना कोई टोकता है। सीधा कमरे में वह घुस जाते हैं। कत्ल करते हैं और आराम से मौका वारदात से फरार हो जाते हैं। जैसे उन्होंने कुछ किया ही ना हो। पटना के पारस अस्पताल में जो मर्डर हुआ उससे जुड़ी कई तस्वीरें अब सामने आ रही हैं। इन तस्वीरों में अपराधियों के चेहरे हैं। लेकिन अब तक कोई भी अपराधी पुलिस की गिरफ्त में नहीं आ सका है। इस केस में अब तक आए वीडियो प्लानिंग से लेकर मर्डर तक की खौफनाक कहानी की गवाही दे रहे हैं।
शूटर तौसीफ बादशाह अपने गैंग के पांच शूटरों के साथ अस्पताल के बाहर गली में कत्ल से पहले आखिरी बार एक मीटिंग करता है।

तस्वीरें देखिए कत्ल से पहले। शूटर कितने सहज नजर आ रहे हैं। ना कोई डर, ना कोई खौफ, ना कोई हड़बड़ाहट। अब दूसरा मर्डर केस का दूसरा वीडियो देखिए। यह वीडियो कल से अब तक कई बार देखा जा चुका है। यह वीडियो पटना के पारस अस्पताल के अंदर का है। कमरा नंबर 209 के बाहर जो कॉरिडोर है, जो गलियारा है, वहां का यह सीसीटीवी फुटेज है। पांच शूटर नजर आ रहे हैं। तौसीफ बादशाह सबसे आगे चल रहा है। जैसे ये एक लीडर की तरह अपनी पूरी गैंग को डायरेक्शन दे रहा हो। शूटर हथियार निकालकर पोजीशन लेते हैं। चंदन मिश्रा के कमरे में दाखिल होते हैं और फिर एक-एक करके गोलियां चलाई जाती हैं। मर्डर करके और यह आराम से वहां से निकलते नजर आ रहे हैं। तीसरा वीडियो हत्याकांड के बाद का है जिसमें हत्या के बाद बेखौफ अपराधी फरार होते नजर आ रहे हैं। 24 घंटे से ज्यादा का वक्त हो चुका है। पटना पुलिस जो है बिहार पुलिस हर जगह दबिश दे रही है। ऑपरेशन चला रही है। एसटीएफ और पटना पुलिस की एक टीम ने फुलवारी शरीफ के गुलिस्तान मोहल्ले में छापेमारी भी की। फुलवारी शरीफ में ही तौसीफ बादशाह का घर है। शूट आउट को तौसीफ बादशाह ही लीड कर रहा था।
फुलवारी शरीफ के फेडरल कॉलोनी में ही शूट आउट की प्लानिंग हुई थी।

वारदात वाली रात फेडरल कॉलोनी में ही अपराधियों की मीटिंग हुई। मीटिंग के बाद शूटर्स ने यहां हवाई फायरिंग भी की थी। पटना के बेहद पौश बोरिंग रोड इलाके से शूटर्स को हथियार मिले थे। की टीम है जो विभिन्न जगहों पर रेड छापेमारी कर रही है। जो इसमें घटना करने वाले अपराधकर्मी है उनका आइडेंटिफाई कर लिया गया है और उनके विभिन्न ठिकानों पर लगातार छापेमारी चल रही है। ये घटना जोकि अपराधी रहे हैं पूर्व के और 24 से ज्यादा केस इन पर दर्ज रहे हैं और सजाया भी रहे हैं। उसी में जो एक वर्चस्व को लेकर लड़ाई थी उसी को लेकर ये घटना कही गई है। इसमें जो जहां-जहां ठिकाने जहां प्लानिंग की गई थी जहां छुपने का स्थान था वहां पे पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है और जल्द ही अपराधी को तक पुलिस पहुंच जाएगी और उन पे कड़ाई से कारवाई पटना के अस्पताल में हुए मर्डर की तस्वीरें बता रही हैं कि अपराधी कितने बेखौफ हैं और पुलिस उन पर लगाम कसने में नाकाम है। इस पूरी चीज के ऊपर आपकी जो कुछ राय है आपको जो भी कहना है कमेंट करके जरूर बताइएगा।