जम्मू-कश्मीर: पहलगाम हमले के बाद बड़ा फैसला, 48 पर्यटक स्थल अस्थायी रूप से बंद सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल
श्रीनगर – जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए हालिया आतंकी हमले के बाद केंद्र शासित प्रदेश में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर गंभीर चिंताएं उभरी हैं। हमले के कुछ ही दिन बाद सरकार ने घाटी के 48 प्रमुख पर्यटक स्थलों को अस्थायी रूप से बंद करने का निर्णय लिया है। यह फैसला सुरक्षा एजेंसियों की सिफारिश पर लिया गया है, जिनका मानना है कि मौजूदा हालात में इन स्थलों पर पर्याप्त सुरक्षा सुनिश्चित कर पाना चुनौतीपूर्ण है।
सूत्रों के मुताबिक, कुछ दिन पहले ही हमले वाले इलाके से सुरक्षा बलों को हटाया गया था, जिसे लेकर अब सवाल उठ रहे हैं कि इनपुट होने के बावजूद वहां पर्याप्त सुरक्षा क्यों नहीं थी। वहीं, अब घाटी में सुरक्षा बढ़ा दी गई है और विशेष पुलिस दस्तों, विशेषकर एंटी-फिदायीन यूनिट्स को तैनात किया गया है। जानकारी के अनुसार, कश्मीर में कुल 87 प्रमुख पर्यटक स्थल हैं, जिनमें से 48 को अस्थायी रूप से बंद किया गया है। इससे पर्यटन उद्योग पर गहरा असर पड़ सकता है, जो घाटी की अर्थव्यवस्था की रीढ़ माना जाता है। कई पर्यटक हमले के बाद डरे हुए हैं और कश्मीर की यात्रा रद्द कर रहे हैं, जिससे होटल उद्योग और अन्य सहायक सेवाओं पर भी असर पड़ने की आशंका है।
सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि कुछ स्लीपर सेल्स हमले के बाद सक्रिय हो गए हैं और टारगेटेड हमलों की साजिश रच रहे हैं। खुफिया सूत्रों के अनुसार, यह गतिविधियां आतंकियों के घरों को ध्वस्त करने की कार्रवाई का प्रतिशोध हो सकती हैं। इस पृष्ठभूमि में घाटी में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है।
वहीं, अब देश के अन्य पर्यटन स्थलों खासकर हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड को लेकर भी चिंता जताई जा रही है, क्योंकि गर्मियों की छुट्टियों में इन राज्यों में पर्यटकों की भीड़ उमड़ती है। ऐसे में इन राज्यों की सरकारों के लिए सुरक्षा सुनिश्चित करना एक बड़ी चुनौती बन गया है। लगातार मिल रहे आतंकी इनपुट्स ने उत्तर भारत के अन्य पर्यटन स्थलों की सुरक्षा को लेकर भी चिंताएं बढ़ा दी हैं।
आर्थिक मोर्चे पर बात करें तो 2024-25 के लिए जम्मू-कश्मीर की वास्तविक जीएसडीपी में 7.6% की वृद्धि का अनुमान था और कुल जीएसडीपी 2.65 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने की उम्मीद थी। लेकिन पर्यटन पर चोट की आशंका ने इस विकास दर पर भी प्रश्नचिह्न लगा दिया है। हालांकि 2018 की तुलना में 2023 में आतंकी घटनाओं में 99% की गिरावट दर्ज की गई थी, फिर भी हालिया हमले ने इस स्थिरता पर गहरा असर डाला है।
निष्कर्ष: पहलगाम हमले के बाद केंद्र सरकार और सुरक्षा एजेंसियों की सख्ती दिखती है, लेकिन साथ ही यह भी स्पष्ट है कि घाटी में स्थायी शांति और पर्यटन पुनरुत्थान के लिए दीर्घकालिक और ठोस प्रयासों की जरूरत है।