शिबू सोरेन का अंतः एक युग का अंत – झारखंड शोकमग्न

Shibu Soren death
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झारखंड आंदोलन के प्रणेता दिशोम गुरु शिबू सोरेन का निधन, राज्यभर में शोक की लहर

Shibu Soren death
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रांची/दिल्ली। झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के संस्थापक दिशोम गुरु शिबू सोरेन अब हमारे बीच नहीं रहे। लंबी बीमारी से जूझने के बाद उन्होंने शनिवार, 3 अगस्त 2025 को अंतिम सांस ली। उनके निधन की आधिकारिक पुष्टि झारखंड सरकार द्वारा की गई है, जिसके बाद पूरे राज्य में शोक की लहर दौड़ गई है।

किडनी की बीमारी के चलते जून 2025 के अंतिम सप्ताह में उन्हें दिल्ली के श्री गंगा राम अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उनकी हालत लगातार बिगड़ती रही। 2 अगस्त तक उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया था, लेकिन चिकित्सकीय प्रयासों के बावजूद उन्हें बचाया नहीं जा सका।

शिबू सोरेन का जीवन एक आंदोलन, एक संघर्ष और एक विचारधारा का प्रतीक था। उन्होंने 38 वर्षों तक झारखंड मुक्ति मोर्चा की बागडोर संभाली और तीन बार झारखंड के मुख्यमंत्री रहे। 2025 के अप्रैल माह में आयोजित JMM के केंद्रीय अधिवेशन में उन्हें ‘संस्थापक संरक्षक’ (Founding Patron) का दर्जा दिया गया था, जबकि उनके बेटे हेमंत सोरेन को पार्टी का केंद्रीय अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। राज्यपाल, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और कई वरिष्ठ नेताओं ने उनके जीवनकाल में उनके शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की प्रार्थना की थी, लेकिन नियति को कुछ और ही मंज़ूर था।

 

शिबू सोरेन की राजनीतिक यात्रा आदिवासी अधिकारों, झारखंड राज्य के निर्माण आंदोलन, और सामाजिक न्याय की लड़ाई से गहराई से जुड़ी रही है। उन्होंने झारखंड की जनता की आवाज को न सिर्फ विधानसभा में, बल्कि संसद तक में बुलंद किया।

झारखंड सरकार ने उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है और राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर संवेदनाएँ व्यक्त की गई हैं।

उनकी मृत्यु के पश्चात हेमंत सोरेन को उनकी राजनीतिक और पारिवारिक विरासत का स्वाभाविक उत्तराधिकारी माना जा रहा है। वे वर्तमान में झारखंड के मुख्यमंत्री और झामुमो के केंद्रीय अध्यक्ष हैं।

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