जामिया नगर में बुलडोजर का खौफ!

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दिल्ली में फिर ‘बुलडोजर एक्शन’ की तैयारी: जामिया नगर के ओखला में अतिक्रमण पर नोटिस, 15 दिन का अल्टीमेटम

delhi news bulldozer action in delhi jamia nagar and illegal construction  demolished दिल्ली के जामिया नगर में गरजा बुलडोजर, अवैध निर्माण ध्वस्त, कब  तक चलेगी कार्रवाई?, Ncr Hindi News ...

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में अतिक्रमण के खिलाफ चल रही कार्रवाई अब ओखला के जामिया नगर इलाके तक पहुंच गई है। सूत्रों के हवाले से खबर है कि यहां बड़े पैमाने पर बुलडोजर वाला एक्शन देखने को मिल सकता है, जिससे स्थानीय निवासियों में हड़कंप मच गया है। कई मकानों और दुकानों के बाहर नोटिस चिपकाए गए हैं, जिसमें उन्हें 15 दिनों के भीतर अपनी संपत्तियों को खाली करने का आदेश दिया गया है।

किसकी जमीन, किसका अतिक्रमण?

अधिकारियों ने बताया कि यह कार्रवाई उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग से संबंधित जमीन पर किए गए अतिक्रमण को लेकर की जा रही है। नोटिसों में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि ओखला, खिजरबाबा कॉलोनी में उत्तर प्रदेश के सिंचाई नियंत्रण विभाग की जमीन पर किए गए मकान और दुकानें अवैध हैं और इन्हें आगामी 15 दिनों में हटा दिया जाना चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश का असर

यह कदम सुप्रीम कोर्ट द्वारा 8 मई को दिए गए एक निर्देश के बाद उठाया गया है, जिसमें दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) को ओखला गांव में कानून के अनुसार अनधिकृत ढांचों को ध्वस्त करने के लिए कहा गया था। इससे पहले, तैमूर नगर और खिजरबाद जैसे इलाकों में भी बड़े पैमाने पर अतिक्रमण विरोधी अभियान चलाए गए थे, जिससे कई लोगों को अपने घर गंवाने पड़े थे।

निवासियों में डर और अनिश्चितता

जामिया नगर के निवासियों में इन नोटिसों के बाद भय और बेचैनी का माहौल है। कई लोग अपनी जिंदगी भर की कमाई से बनाए गए घरों के उजड़ने की आशंका से परेशान हैं। कुछ निवासियों का कहना है कि उन्हें सुप्रीम कोर्ट के आदेश की कोई जानकारी नहीं थी और वे कई सालों से यहां रह रहे हैं। उनका दावा है कि उन्होंने दस्तावेज जांचने के बाद ही संपत्तियां खरीदी थीं, और अब बिल्डर लापता हैं।

आगे क्या?

नोटिस में स्पष्ट रूप से चेतावनी दी गई है कि यदि 15 दिनों के भीतर अतिक्रमण नहीं हटाया जाता है, तो प्रशासन द्वारा बुलडोजर चलाकर इन अवैध ढांचों को ध्वस्त कर दिया जाएगा, और किसी भी नुकसान की जिम्मेदारी निवासियों की होगी। इस कार्रवाई को लेकर स्थानीय नेताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भी चिंता जताई है और प्रभावित लोगों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की मांग की है।दिल्ली में अतिक्रमण के खिलाफ यह अभियान लगातार जारी है, और इसका उद्देश्य राजधानी को स्वच्छ और व्यवस्थित बनाना है। हालांकि, यह देखना होगा कि जामिया नगर में यह कार्रवाई किस हद तक आगे बढ़ती है और हजारों लोगों के भविष्य पर इसका क्या प्रभाव पड़ता है।

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