पीएम मोदी ने किया ‘राइजिंग नॉर्थईस्ट’ का आह्वान: पूर्वोत्तर भारत ‘अष्टलक्ष्मी’ और ‘नए भारत’ का ग्रोथ इंजन!
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज ‘राइजिंग नॉर्थईस्ट इन्वेस्टर्स समिट 2025’ को संबोधित करते हुए पूर्वोत्तर भारत को “न्यू इकोनॉमी, न्यू एनर्जी, न्यू एरा” का प्रेरणा स्रोत बताया।1 उन्होंने इस क्षेत्र को भारत की ‘अष्टलक्ष्मी’ की उपमा देते हुए इसकी अपार क्षमता पर प्रकाश डाला और निवेशकों को इस क्षेत्र में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित किया। प्रधानमंत्री ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि पूर्वोत्तर अब सिर्फ एक सीमांत क्षेत्र नहीं, बल्कि देश के विकास का ‘फ्रंट रनर’ बनने के लिए तैयार है।
‘अष्टलक्ष्मी’ का आशीर्वाद: विविधता ही सबसे बड़ी शक्ति
प्रधानमंत्री ने पूर्वोत्तर की समृद्ध विविधता को इसकी सबसे बड़ी ताकत बताया।3 उन्होंने कहा कि भारत दुनिया का सबसे विविध राष्ट्र है, और पूर्वोत्तर इस विविध राष्ट्र का सबसे विविध हिस्सा है।4 ‘अष्टलक्ष्मी’ का प्रतीक देते हुए, उन्होंने बताया कि यह क्षेत्र जैव-अर्थव्यवस्था (bio-economy), पर्यावरण-पर्यटन (eco-tourism) और जैविक उत्पादों (organic products) में एक अग्रणी शक्ति के रूप में उभर रहा है।5 चाय उत्पादन, बांस उद्योग, पेट्रोलियम भंडार, खेल प्रतिभा और ऊर्जा के पावरहाउस के रूप में भी पूर्वोत्तर की पहचान को उन्होंने रेखांकित किया।
ईस्ट इज नॉट जस्ट अ डायरेक्शन, इट इज अ विजन: ‘Empower, Act, Strengthen, Transform’
पीएम मोदी ने अपनी सरकार के ‘ईस्ट’ (EAST) मंत्र को दोहराते हुए कहा कि यह सिर्फ एक दिशा नहीं, बल्कि ‘Empower, Act, Strengthen, Transform’ का एक विजन है। उन्होंने बताया कि पिछले 11 वर्षों में पूर्वोत्तर में अभूतपूर्व प्रगति हुई है, जो केवल आंकड़ों में नहीं, बल्कि जमीन पर स्पष्ट रूप से दिखाई दे रही है। केंद्रीय मंत्रियों द्वारा 700 से अधिक दौरे, बुनियादी ढांचे में क्रांति (11,000 किमी से अधिक राजमार्ग, नई रेल लाइनें, और विस्तारित हवाई नेटवर्क) और डिजिटल कनेक्टिविटी में सुधार (13,000 किमी से अधिक ऑप्टिकल फाइबर, 5G कवरेज) इस प्रगति के प्रमाण हैं।
सुरक्षा से समृद्धि तक: बदलता पूर्वोत्तर
प्रधानमंत्री ने एक समय पूर्वोत्तर को बम, बंदूक और अवरोधों से जोड़कर देखे जाने के पुराने दौर को याद किया। उन्होंने जोर देकर कहा कि आज यह क्षेत्र अवसर, शांति और समृद्धि का पर्याय बन गया है। पिछले एक दशक में 10,000 से अधिक युवाओं ने हिंसा का रास्ता छोड़ दिया है, और शांति समझौतों ने शासन को मजबूत किया है। यह बदलाव क्षेत्र में निवेश और विकास के लिए एक सुरक्षित और स्थिर वातावरण प्रदान करता है।
निवेश का अवसर: पूर्वोत्तर है तैयार
पीएम मोदी ने उद्योगपतियों से इस क्षेत्र में निवेश के ‘फर्स्ट-मूवर एडवांटेज’ का लाभ उठाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि बेहतर बुनियादी ढांचा पर्यटन को आकर्षक बनाता है और निवेशकों को अधिक विश्वास देता है। उन्होंने पूर्वोत्तर को आसियान व्यापार के लिए एक मजबूत पुल और प्रवेश द्वार के रूप में भी रेखांकित किया, जिसका व्यापार $200 बिलियन को पार करने की उम्मीद है।इस शिखर सम्मेलन में मुकेश अंबानी (रिलायंस इंडस्ट्रीज), गौतम अडानी (अडानी ग्रुप) और अनिल अग्रवाल जैसे शीर्ष उद्योगपतियों ने भी भाग लिया, जिन्होंने क्षेत्र में बड़े निवेश की प्रतिबद्धता जताई है। यह इस बात का स्पष्ट संकेत है कि निजी क्षेत्र भी पूर्वोत्तर की विकास क्षमता को पहचान रहा है।कुल मिलाकर, प्रधानमंत्री मोदी का संबोधन पूर्वोत्तर भारत के लिए एक नए युग की शुरुआत का प्रतीक है – एक ऐसा युग जहां यह क्षेत्र भारत की विकास गाथा में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा और ‘विकसित भारत’ के लक्ष्य को प्राप्त करने में ‘अष्टलक्ष्मी’ के रूप में अपनी पूरी क्षमता का प्रदर्शन करेगा।
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