पाकिस्तान का संसद में झूठ: अखबार फर्जी, मंत्री बेनकाब!

0
9

पाकिस्तान का ‘फर्जी’वाड़ा: संसद में झूठ, विश्वसनीयता पर सवाल!

Pakistan News Ishaq Dar: पाकिस्तान के मंत्री इशाक डार का झूठ पकड़ा गया, डॉन  ने किया फैक्ट चेक - News18 हिंदी

पाकिस्तान की संसद, लोकतंत्र का वो मंदिर जहां देश के भविष्य की नीतियां तय होती हैं, एक बार फिर विवादों के घेरे में है। इस बार, आरोप किसी राजनीतिक खींचतान या भ्रष्टाचार का नहीं, बल्कि सीधे-सीधे झूठ और फर्जीवाड़े का है। पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने संसद में ब्रिटेन के प्रतिष्ठित अखबार ‘द डेली टेलीग्राफ’ का एक कथित पेज लहराकर दावा किया कि इस अखबार ने पाकिस्तान की आर्थिक नीतियों की जमकर तारीफ की है। लेकिन, ये दावा चंद घंटों में ही खोखला साबित हो गया।

दरअसल, इशाक डार ने संसद में जो पेज दिखाया, वो असली ‘द डेली टेलीग्राफ’ का नहीं, बल्कि एक नकली दस्तावेज था। पाकिस्तान के ही प्रमुख अखबार ‘द डॉन’ ने इस मामले का फैक्ट चेक किया और चौंकाने वाला खुलासा किया। ‘द डॉन’ की रिपोर्ट के अनुसार, ‘द डेली टेलीग्राफ’ ने ऐसा कोई लेख प्रकाशित ही नहीं किया था। यानी, इशाक डार ने संसद में खड़े होकर सरासर झूठ बोला और देश को गुमराह करने की कोशिश की।

ये कोई पहली बार नहीं है जब पाकिस्तान पर झूठे दावे करने और प्रोपेगेंडा फैलाने का आरोप लगा है। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भी पाकिस्तान पर इसी तरह के आरोप लगे थे। अतीत में भी कई मौकों पर पाकिस्तान ने अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर ऐसे दावे किए हैं, जो बाद में झूठे साबित हुए। लेकिन, इस बार मामला और भी गंभीर है, क्योंकि झूठ संसद में बोला गया है, जहां देश के प्रतिनिधि कानून बनाते हैं और देश का भविष्य तय करते हैं।

इस घटना ने पाकिस्तान की साख को गहरा धक्का पहुंचाया है। अंतर्राष्ट्रीय मीडिया में भी इस मामले को लेकर पाकिस्तान की आलोचना हो रही है। विपक्षी दलों ने विदेश मंत्री इशाक डार से तत्काल इस्तीफे की मांग की है। उनका कहना है कि इस झूठ ने पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय छवि को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचाया है।

ये घटना पाकिस्तान की राजनीतिक व्यवस्था में पारदर्शिता और जवाबदेही की कमी को उजागर करती है। ये दर्शाता है कि पाकिस्तान सरकार अपने राजनीतिक उद्देश्यों को पूरा करने के लिए किस हद तक झूठ और फर्जीवाड़े का सहारा ले सकती है। अब देखना ये है कि इस विवाद का पाकिस्तान के घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय संबंधों पर क्या प्रभाव पड़ता है। फिलहाल, ये साफ है कि पाकिस्तान का एक और झूठ बेनकाब हो चुका है, और इससे उसकी विश्वसनीयता पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं।

सवाल ये उठता है कि आखिर पाकिस्तान सरकार को इस तरह के झूठ का सहारा क्यों लेना पड़ा? क्या पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति इतनी खराब है कि उसे अपनी छवि सुधारने के लिए फर्जीवाड़े का सहारा लेना पड़ रहा है? और सबसे अहम सवाल ये है कि क्या पाकिस्तान की जनता इस तरह के झूठ को बर्दाश्त करेगी?

ये घटना पाकिस्तान की राजनीति में एक नए विवाद को जन्म दे सकती है। ये पाकिस्तान के लिए एक कठिन समय है, और उसे अपनी विश्वसनीयता को बहाल करने के लिए कड़े कदम उठाने होंगे।#IndiaPakistanConflict #IshaqDar #NuclearRadiationLeak #topnews #newsoftheday #hindinews #latest #ishaqdar #indiapakistanceasefire #indiapakistanwar2025 #pmmodi #shehbazsharif #trendingnews

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here