‘सिंदूर जब बारूद बनता है तो क्या होता है, दुनिया ने देख लिया’: बीकानेर में PM मोदी का राष्ट्रीय सुरक्षा पर बड़ा बयान
बीकानेर, 22 मई, 2025: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज राजस्थान के बीकानेर में एक विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय सुरक्षा और भारत की दृढ़ता पर एक बड़ा और प्रतीकात्मक बयान दिया। उन्होंने कहा, “दुनिया ने देख लिया जब सिंदूर बारूद बन जाता है तो क्या होता है।” प्रधानमंत्री के इस बयान को देश की आंतरिक सुरक्षा और बाहरी चुनौतियों से निपटने की भारत की क्षमता के संदर्भ में एक कड़े संदेश के रूप में देखा जा रहा है।
प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में ‘सिंदूर’ को भारतीय महिलाओं के सम्मान, त्याग और देश की अस्मिता का प्रतीक बताया। उन्होंने स्पष्ट किया कि जब इस पवित्र सम्मान पर कोई आंच आती है या देश की गरिमा को चुनौती दी जाती है, तो यही पवित्र प्रतीक ‘बारूद’ की अदम्य शक्ति में बदल जाता है। यह ‘बारूद’ किसी विनाशकारी हथियार का नहीं, बल्कि अदम्य इच्छाशक्ति, प्रतिरोध और न्याय की मांग का प्रतीक है, जो देश की सामूहिक शक्ति को दर्शाता है।
उनके इस बयान को पुलवामा आतंकी हमले के बाद बालाकोट एयरस्ट्राइक जैसे भारत के कड़े प्रतिशोधों से जोड़कर देखा जा रहा है। इन घटनाओं ने यह स्पष्ट संदेश दिया था कि भारत अपनी संप्रभुता और सुरक्षा पर किसी भी हमले को बर्दाश्त नहीं करेगा और आवश्यकता पड़ने पर निर्णायक कार्रवाई करने से पीछे नहीं हटेगा। प्रधानमंत्री ने ‘नया भारत’ की संकल्पना को दोहराते हुए कहा कि यह देश अब कमजोर नहीं है और अपनी रक्षा के लिए दृढ़ता से खड़ा हो सकता है।
यह बयान न केवल भारत के विरोधियों के लिए एक स्पष्ट चेतावनी है, बल्कि देश के भीतर भी एक आह्वान है। यह नागरिकों को राष्ट्रीय सम्मान और विशेष रूप से महिलाओं की गरिमा के प्रति सचेत रहने और उनके लिए एकजुट होकर खड़े होने का संदेश देता है। प्रधानमंत्री ने जोर दिया कि जब राष्ट्रीय अस्मिता पर कोई खतरा आता है, तो पूरा देश एकजुट होकर एक अजेय ताकत बन जाता है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि प्रधानमंत्री का यह बयान आगामी चुनावों से पहले राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर सरकार की मजबूत स्थिति को रेखांकित करता है। रक्षा विशेषज्ञों ने भी इस बयान को भारत की बदलती रक्षा नीति और आक्रामक रुख का सूचक बताया है, जो अब केवल रक्षात्मक नहीं, बल्कि आवश्यकता पड़ने पर आक्रामक भी हो सकता है।
कुल मिलाकर, प्रधानमंत्री मोदी का यह प्रतीकात्मक बयान भारत की उस संकल्प शक्ति को दर्शाता है जो आंतरिक और बाहरी दोनों मोर्चों पर चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार है। यह स्पष्ट करता है कि भारत अब केवल शांति का संदेशवाहक नहीं, बल्कि अपने सम्मान और सुरक्षा के लिए दृढ़ता से लड़ने वाला एक सशक्त और आत्मनिर्भर राष्ट्र है।